हिंदी साहित्य में सामाजिक मुद्दों का विश्लेषण
DOI:
https://doi.org/10.56614/zetd6q43Abstract
हिंदी साहित्य समाज के विभिन्न पहलुओं और समस्याओं का सजीव प्रतिबिंब है। इसमें सामाजिक असमानता, जातिवाद, गरीबी, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, और सामाजिक बदलाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों का गहन चित्रण मिलता है। हिंदी साहित्यकारों ने अपने साहित्य के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है। वे समाज में व्याप्त विकृतियों को उजागर करते हुए लोगों को जागरूक करने और सुधार कीदिशा में प्रेरित करने का प्रयास करते हैं। इसलिए हिंदी साहित्य केवल कलात्मक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार का माध्यम भी है।
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Copyright (c) 2025 हिन्द खोज: अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी पत्रिका (HIND KHOJ: Antarrashtriya Hindi Patrika), ISSN: 3048-9873

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