[1]
“आधुनिक हिन्दी कविता में सामाजिक चेतना: नागार्जुन और धूमिल के सन्दर्भ में”, हिन्द खोज, vol. 2, no. 2, pp. 17–18, Sep. 2024, doi: 10.56614/4yxy9x90.